1 जुलाई 2025 से लागू होंगे बैंकिंग के 10 बड़े नियम – होम लोन, गाड़ी लोन और पर्सनल लोन लेने वालों को ज़रूर जानना चाहिए

जुलाई से बैंकिंग सेक्टर में आने वाला है बड़ा बदलाव, 1 जुलाई 2025 से भारत में बैंकिंग व्यवस्था को लेकर आरबीआई और वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए नियम लागू हो जाएंगे। ये बदलाव खासतौर पर उन ग्राहकों को प्रभावित करेंगे जो होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन या बिजनेस लोन ले चुके हैं या लेने की योजना बना रहे हैं। नए नियम ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, ट्रांसपेरेंसी और डिजिटल सुविधाओं के विस्तार पर आधारित हैं।

ब्याज दरों की होगी मासिक समीक्षा

अब बैंक हर तिमाही नहीं, बल्कि हर महीने ब्याज दरों की समीक्षा करेंगे। इससे RBI की रेपो रेट में बदलाव का असर जल्दी ग्राहकों तक पहुंचेगा। यानी जब दरें घटेंगी, तब आपके लोन पर EMI कम होगी और जब बढ़ेंगी, तो EMI बढ़ सकती है।

डिजिटल लोन एग्रीमेंट अनिवार्य होगा

अब सभी बैंकों और NBFC कंपनियों को लोन देने से पहले डिजिटल लोन एग्रीमेंट PDF देना अनिवार्य होगा। इसमें ग्राहक के अधिकार, ब्याज दर, भुगतान शर्तें और पेनल्टी की स्पष्ट जानकारी होगी, ताकि धोखाधड़ी से बचाव हो सके।

लोन का फुल स्टेटस ग्राहक पोर्टल पर मिलेगा

1 जुलाई से हर बैंक को अपने ग्राहक पोर्टल या ऐप पर लोन की पूरी जानकारी जैसे बकाया राशि, ब्याज, अगली EMI तारीख और प्री-क्लोजर चार्ज दिखाना जरूरी होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहक को जानकारी के लिए बैंक के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

होम लोन में प्रीपेमेंट चार्ज हटेंगे

सरकार ने आदेश दिया है कि फ्लोटिंग रेट वाले होम लोन पर कोई भी प्रीपेमेंट या फॉरक्लोजर चार्ज नहीं लिया जाएगा। ग्राहक जब चाहें लोन की राशि एडवांस में चुका सकते हैं और ब्याज में बड़ी बचत कर सकते हैं।

सभी बैंकों को देना होगा EMI ब्रेकअप

नए नियम के तहत अब हर EMI के साथ बैंक को एक SMS या मेल के जरिए EMI ब्रेकअप देना होगा – जिसमें मूलधन, ब्याज और बकाया लोन की जानकारी होगी। यह सिस्टम पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए लागू किया गया है।

क्रेडिट स्कोर पर फ्री अलर्ट सुविधा

अब हर बैंक और लोन देने वाली संस्था को साल में चार बार मुफ्त क्रेडिट स्कोर अलर्ट भेजना होगा। ग्राहक समय-समय पर अपने स्कोर को ट्रैक कर पाएंगे और किसी भी अनियमितता की जानकारी तुरंत मिल सकेगी।

डिजिटल ऋण धोखाधड़ी के लिए सीधा हेल्पलाइन

बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए अब सभी बैंकों को एक 24×7 लोन फ्रॉड हेल्पलाइन जारी करनी होगी, जिससे ग्राहक तुरंत शिकायत कर सकें। साथ ही 72 घंटे के भीतर कार्रवाई का जवाब देना अनिवार्य होगा।

महिला उधारकर्ताओं को मिलेगा ब्याज में अतिरिक्त लाभ

सरकार के निर्देश के अनुसार महिलाओं को बैंक लोन में 0.50% तक की छूट दी जाएगी, विशेषकर होम लोन और शिक्षा ऋण में। यह कदम महिला सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।

बैंक को बताना होगा EMI डिफॉल्ट का प्रभाव

अगर कोई ग्राहक EMI नहीं चुका पाता है, तो बैंक को अब उसके क्रेडिट स्कोर और भविष्य के लोन पर डालने वाले प्रभाव की स्पष्ट जानकारी देनी होगी। यह ग्राहकों को ज़िम्मेदारी से भुगतान करने की जागरूकता देगा।

पुनर्भुगतान विकल्पों की होगी डिजिटल सुविधा

अब सभी लोन उत्पादों के लिए बैंक को डिजिटल रिपेमेंट मोड, ऑटो-डिडक्ट विकल्प, और एडवांस पेमेंट की ऑनलाइन सुविधा अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होगी। ग्राहक अब UPI या ऐप से भी EMI का भुगतान कर सकेंगे।

निष्कर्ष

1 जुलाई 2025 से लागू होने वाले ये नए नियम बैंकिंग सेक्टर को अधिक पारदर्शी, ग्राहक-हितैषी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाएंगे। लोन लेने या पहले से चला रहे ग्राहकों को अब ज्यादा अधिकार और सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वित्तीय निर्णय लेना पहले से आसान हो जाएगा।

डिस्क्लेमर

यह लेख सरकारी घोषणाओं, आरबीआई दिशानिर्देशों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। अंतिम नियम संबंधित बैंक या NBFC की नीति और अधिसूचना के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए rbi.org.in या अपने बैंक से संपर्क करें।

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